लिच्छविकालीन प्रशासनिक निकायहरू

-
कुथेरः त्रिकर (कर) उठाउने अड्डा
-
पूर्वाधिकरणः पूर्वी भागको प्रशासन हेर्ने अड्डा
-
पश्चिमाधिकरणः पश्चिम भागको प्रशासन हेर्ने अड्डा
-
मट्टाधिकरणः जात र धर्म सम्बन्धी विषय हेर्ने अड्डा
-
पिटल्जाधिकरणः विशेष प्रयोजनका लागि प्रयुक्त अड्डा
-
महाधिकरणः पुख्र्यौली परम्परा कायम गर्न लगाउने अड्डा
-
विष्टिः श्रम बन्दोबस्त गर्ने अड्डा
-
कुथेराधिकरणः जग्गा–जमिनको कर उठाउने वा मालपोत सम्बन्धी कार्य गर्ने
-
माप्चोकः विवाह र पारपाचुके सम्बन्धी कार्य हेर्ने
-
लिंगवलः कुलो, पैनी, बाँध, बाटो–घाटो सम्बन्धी कार्य हेर्ने
-
शुल्ली/शोल्ल अधिकरणः पञ्चपराध (चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन, राजद्रोह र यसमा सघाउने) को छानबिन गरी न्याय दिने
लिच्छविकालमा त्रिकर प्रणाली प्रचलित थियो, जसमा कृषि, पशुपालन र उद्योग–वाणिज्यका आधारमा कर असुल गरिन्थ्यो।
त्रिकरका प्रकारहरू
-
भागकरः भूमि वा कृषिमा लाग्ने कर
-
भोगकरः पशुपालनमा लाग्ने कर
-
करः उद्योग, वाणिज्य वा व्यापारमा लाग्ने कर
कृषिमा कर प्रणाली लिच्छविकालमै व्यवस्थित रूपमा सुरु भएको पाइन्छ।
अन्य करहरू
-
सिकरः फर्निचरमा लाग्ने कर
-
चैलकरः कपडामा लाग्ने कर
-
तैलकरः तेलमा लाग्ने कर
-
आपणकरः पसलमा लाग्ने कर
-
मल्लयुद्धकरः साँढे जुधाउने वा मनोरञ्जनमा लाग्ने कर
लिच्छविकालका न्यायिक, सैनिक र प्रशासनिक पदहरू
पद | कार्य / भूमिका |
---|---|
दूतक | मन्त्रीस्तरीय पदाधिकारी |
द्वारे | दरबार वा ढोका सम्हाल्ने |
चाटभट | कर उठाउने कर्मचारी |
महासर्वदण्डनायक | प्रधान न्यायाधीश |
सर्वदण्डनायक | न्यायाधीश |
दण्डनायक | प्रहरी प्रमुख |
भट्ट | सैनिक (सिपाही) |
प्रधान | गाउँ प्रशासक |
सामन्त | प्रशासक |
प्रसादाधिकृत | कार्यालय प्रमुख |
भट्टनायक | सेनाध्यक्ष |
बलाध्यक्ष | सेनापति |
महाबलाध्यक्ष | प्रधान सेनापति |
गोल्मिक | सेनानायक |
अमात्य | मन्त्रीस्तरीय अधिकारी |
प्रतिहार | राजदरबार हेर्ने अधिकारी |
महाप्रतिहार | दरबार प्रमुख |
ढुटक | राजघोषणा तथा प्रचार प्रसार गर्ने |
युवराज | भावी राजा |
दूत | कृषि, वन, सिँचाइ र व्यापार हेर्ने अधिकारी |
मल्लकालीन न्यायिक, सैनिक र प्रशासनिक पदहरू
पद | कार्य / भूमिका |
---|---|
चौतारा | प्रधानमन्त्री |
महामात्य | मन्त्रीसरहको पद |
द्वारे | गाउँको झगडा हेर्ने अधिकारी |
प्रधान | टोल हेर्ने अधिकारी |
खरदार | देशभर भ्रमण गरी न्याय दिने |
थकाली | पञ्चको प्रमुख व्यक्ति |
उमराः | सैनिक अधिकारी |
कोटनायक | किल्ला रक्षक |
सामन्त | प्रशासक |
उभय | सैनिक अधिकारी |
छेभण्डेल | राजाको अन्न तथा भण्डार व्यवस्थापक |
चरिदार | अनुसन्धान अधिकारी |
कोतवाल | शान्ति–सुरक्षा हेर्ने अधिकारी |
टक्सारी | सिक्का छाप्ने अधिकारी |
महायात्र (पात्र) | स्थानीय शासक |
परमात | भारदार / बडाहाकिम |
प्रजापञ्च | गाउँ वा नगर शासक |
जिम्मेवाल | दरबारको प्रशासकीय कर्मचारी |
मुखिया | गाउँस्तरको प्रशासक |
भण्डारी | ढुकुटी हेर्ने व्यक्ति |
अधिकारी | प्रशासन हेर्ने व्यक्ति |
जोशी | ज्योतिषी (दरबारका ज्योतिषाचार्य) |
लेखक | सरकारी कागजात लेख्ने व्यक्ति |
प्राचीन कालमा परिभाषित गम्भीर अपराधहरू
-
चोरी
-
परस्त्रीहरण
-
राजद्रोह
-
गौहत्या
-
बालहत्या
-
स्त्रीहत्या
-
पितृहत्य
-
गुरूहत्या